अर्की की मृदुला हिमाचल प्रदेश विवि में बनी कैमिस्ट्री की सहायक प्रोफेसर
शिमला/सोलन। सोलन जिला की अर्की तहसील के छोटे से गांव डुडाणा की मृदुला ठाकुर ने आखिर वो मुकाम हासिल कर लिया, जिसके लिए वह आरंभ से ही संघर्ष कर रही थीं। मृदुला हाल ही में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में कैमिस्ट्री विभाग में सहायक प्रोफेसर के पद पर नियुक्त हुई है। मृदुला की इस उपलब्धि से क्षेत्र में खुशी की लहर है। मृदुला के पिता परस राम महालेखाकार कार्यालय से बतौर सीनियर आॅडिट आॅफीसर रिटायर हुए हैं और माता सरोज ठाकुर गृहिणी है। वे अपनी बेटी की इस उपलब्धि से बेहद खुश हैं।
मृदुला का कहना है कि उन्होंने उच्चतर शिक्षा हि.प्र. विश्वविद्यालय से प्राप्त की है और आरंभ से ही उनका सपना विश्वविद्यालय में प्राध्यापिका बनने का था। इसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत भी की। वह कहती है कि मेहनत, लग्न और इमानदारी के साथ किए गए प्रयासों से जीवन में किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।
उत्कृष्ट है मृदुला का अकादमिक रिकार्ड
मृदुला आरंभ से ही स्कूल व काॅलेज सभी जगहों पर अध्यापकों वह सहपाठियों सभी की पसंदीदा छात्रा रही हैं। सादगीपूर्ण जीवन और सौम्य व्यवहार के साथ पढ़ाई में मृदुला का उत्कृष्ट प्रदर्शन उनकी छवि को निखारता है। मृदुला ने 10वीं तक की पढ़ाई शिमला के जिसेस एण्ड मैरी काॅन्वेट स्कूल से की। सैंट बीड्स से 12वीं व बीएससी की और काॅलेज की टाॅपर रही। रासायन विज्ञान में एमएससी व एमफिल के बाद पीएचडी भी हि.प्र. विश्वविद्यालय से की। 2006 में स्लैट की परीक्षा पास की और 2010 में काॅलेज कैडर की परीक्षा उतीर्ण करके राजकीय स्नात्कोत्तर डिग्री महाविद्यालय धर्मशाला में नियुक्ति पाई। अपरिहार्य कारणों से काॅलेज प्राध्यापक के पद को छोड़ना पड़ा। उन्होंने वर्ष 2017 से 2020 तक शिमला स्थित एपीजी विश्वविद्यालय में बतौर रासायन विज्ञान की विभागाध्यक्ष व सहायक प्रोफेसर कार्यरत रही। अब वह अपने पसंदीदा संस्थान हि.प्र. विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर के रूप में सेवा करेगी।